क्रिकेट के अपराधी

अरविन्द चतुर्वेद : 
क्रिकेट के खेल में अब चूंकि पैसा बहुत है इसीलिए इस खेल के इर्दगिर्द लालच, तिकड़म और अपराध का अदृश्य ताना-बाना बुने जाने की आशंका भी बराबर बनी रहती है। एक जमाने में जेंटलमैन गेम कहे जाने वाले क्रिकेट की कहानियां और खिलाड़ियों की शानदार उपलब्धियों के किस्से आज भी खेल-प्रेमियों को रोमांचित करते ही हैं, लेकिन पिछले कुछ बरसों से इस खेल से ऐसी कलंक कथाएं जुड़ती जा रही हैं, जो क्रिकेट की किरकिरी कराने के साथ ही बहुत कड़वा एहसास कराती हैं। कहीं भी क्रिकेट मैच हो, जीत-हार को लेकर सटूटेबाजी के किस्से आम हो चले हैं और अब तो चार कदम आगे बढ़कर मैच फिक्सिंग तक की तिकड़में भी सामने आने लगी हैं। याद होगा कि कुछ साल पहले मैच फिक्सिंग के कलंक में ही भारतीय क्रिकेट के कप्तान रहे मुहम्मद अजहरूदूदीन के साथ-साथ होनहार खिलाड़ी अजय जडेजा का करियर चौपट हो गया और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान रहे हैंसी क्रोनिए को फिक्सिंग की ग्लानि ने जीते-जी मार दिया था। इसी तरह बड़े धूमधाम से शुरू हुए शारजाह क्रिकेट टूर्नामेंट की इहलीला भी कुछेक बरसों में सटूटेबाजी और फिक्सिंग की बेईमानियों में खत्म हो गई। गनीमत है कि मैच फिक्सिंग के जाल में फंसकर अभी तक किसी क्रिकेटर को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ा है, लेकिन इधर पाकिस्तानी क्रिकेट को लेकर जैसे दुष्चक्र और भयावह षडूयंत्र सामने आ रहे हैं, उन्हें देखते हुए यह आशंका होती है कि कहीं किसी खिलाड़ी के साथ कोई हादसा न हो जाए। ताजा मामला पाकिस्तानी टीम के बिल्कुल युवा विकेटकीपर जुल्करनैन हैदर का सामने आया है, जिसे टीम में आए जुमा-जुमा तीन महीने हुए थे कि जान गंवाने के डर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देना पड़ा है। यह अपने आप में हैरत भरी बात है कि दुबई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जा रही oृंखला के मैच में फिल्ड में उतरने के ऐन एक दिन पहले डरा हुआ जुल्करनैन हैदर अपने साथी खिलाड़ियों को बिना कुछ बताए ही होटल से निकल लिया। जिस हालत में हैदर चुपके से निकला, वह स्वयं ही इस बात की ओर इशारा है कि अपने साथी खिलाड़ियों पर भी उसे भरोसा नहीं रह गया था। हैदर को मैच फिक्स करने से इंकार करने पर जान मारने की मिल रही धमकी के कारण टीम छोड़कर भागना पड़ा। पाकिस्तान के लिए एक टेस्ट, चार एकदिवसीय और तीन टूवेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस 24 वर्षीय विकेटकीपर ने अब इंग्लैंड में राजनीतिक शरण की गुहार लगाई है। हैदर ने लंदन से एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को यह भी बताया है कि उसके परिवार को अब भी धमकियां मिल रही हैं और इसलिए संन्यास लेने का उसने फैसला किया है, क्योंकि उस पर बहुत दबाव है, जिसे वह झेल नहीं पा रहा है। हैदर के इस तरह टीम को छोड़कर जाने से आईसीसी भी परेशान है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन करने वाली इस संस्था का मानना है कि पाकिस्तान के इस विकेटकीपर को सटूटेबाजी के जाल से जुड़े अपराधियों ने निशाना बनाया है। होनहार युवा क्रिकेटर हैदर के साथ हुए इस वाकए से आईसीसी समेत समूचे क्रिकेट जगत का चिंतित होना स्वाभाविक है। आईसीसी ने कहा भी है कि यह काफी घिनौना है कि सटूटेबाजी से जुड़े अपराधी पहले भी खिलाड़ियों के परिवार को निशाना बना चुके हैं। हैरानी तो इस बात की है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी खुद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष होने के बावजूद अपने एक प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर और उसके परिवार को आश्वस्त करने के बजाय पीसीबी के पक्ष में लीपापोती करने में लगे हुए हैं। जबकि पिछले कई मामलों की तरह हैदर के मामले में भी मैच फिक्सिंग से जुड़े पाकिस्तानी अंडरवल्र्ड और बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के नापाक गठजोड़ का नाम लिया जा रहा है। समझा जा सकता है कि पैसे के बेरोकटोक प्रवाह वाले क्रिकेट को बंधक बनाने के लिए अपराधी किस हद तक जा सकते हैं।
Digg Google Bookmarks reddit Mixx StumbleUpon Technorati Yahoo! Buzz DesignFloat Delicious BlinkList Furl

0 comments: on "क्रिकेट के अपराधी"

Post a Comment